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Friday, 20 April 2012

jai gau mata ki..........

देवता उसे कहते हैं जो केवल देता ही देता है। गाय केवल देती ही देती है, लेती क्या है-केवल घास-पूस जो मनुष्य के कोई काम का नहीं। गाय हमें स्थूल और सूक्ष्म दोनों तरह से देती है। गाय में तेतीस करोड़ देवी-देवताओं का वास है, इसका यही अभिप्रायः है कि जो हमें 33 करोड़ देवी-देवताओं से मिलता है वो सब हमें गाय भी देती है। गाय सहज में अपनी ओर से जो भी देती है वो सब हमारे लिये अमृत है जैसे- दूध, दही, घी, छाछ, गोमूत्र, गोबर आदि। ये सब हमारे लिये बहुत ही लाभकारी और पवित्र हैं। कुछ लोग इसका विरोध करते हैं और उल्टी-उल्टी बातें लिखते हैं गो के बारे में, तो यही समझना चाहिये कि उनकी मति विपरीत हो गयी है इसलिये वे अच्छी बात की बुराई करेंगे ही। राक्षस का स्वभाव ही अच्छाई का विरोध करना होता है।

6 comments:

  1. sahi, ese log kabhi panapte nahi.

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  2. Nav avtaar Kunwar-Gopal Gow shala Hamari bhi hai. Kai Kisaan Bhoosa banwakar Daalte hain to koi, Karamchari, Bussinessman jo Iccchaa ho dete hain. Gow mata Mookbadhir hai. Jaisa denge wo waisa hi khaa legi. Ye to Hame sochna chaiye. 33 Carore Devta vaas karte hain.

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    1. Amit Ji meri umar 19year h ham bhi bhai log Millar Ak choti si samiti banae h Jo 4 year se chala rage h Esme hm accidental gau ma ka elaj krte h or jyda serious gau ma ka elaj nagor lejaker krvate h meri vinti h ki aap aapne WhatsApp number de taki aap hamara kam dekh sake

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